Sarfaraz Khan’s struggle story| संघर्ष की कहानी: सरफराज खान एक टेस्ट स्टार
सरफराज खान का जन्म मुंबई में हुआ और उनका जीवन संघर्ष और उतर चढ़ाव से भरा रहा ।बजन के कारण उन्हें क्रिकेट से दूर होना पड़ा था साथ हि उन्हें क्रिकेट अकादमी भी छोड़नी पड़ी थी उनके पिता ने इस बुरे वक्त में उनका साथ दिया एवं एक गुरु कि तरह डट कर उन्हें सफलता तक भी पहुचाएं उनके निरंतर प्रयास के कारण न सिर्फ वजन सही किया उन्होंने अपने खेल को भी पहले से ज्यादा चमका दिया
अभी हाल ही में हुए भारत और भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच में सरफराज खान और ऋषभ पंत ने 177 रनों की साझेदारी की । बेंगलुरु में दोनों ने मिलकर भारत का स्कोर 231 से 408 तक पहुंचा दिया था । सरफराज ने कहा कि पंत के साथ बल्लेबाजी करना काफी रोमांचक था क्योंकि पंत ने तेजी से रन बनाए और उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ खुद को रोक कर रखा। उन्होंने एक बात का जिक्र करते हुए कहा जब पंत के साथ दो रन लेने की कोशिश की , लेकिन पंत की चोट के कारण वह रुक गए। इससे कही न कही पंथ का संघर्ष भी दिखा चोट के बाद भी पंथ संघर्ष करने में कोई कमी नहीं छोड़ते हे
26 वर्षीय सरफराज खान का जीवन संघर्ष उदाहरण है। बचपन से क्रिकेट खेल रहे सरफराज को 12 साल की उम्र में ही मुंबई के क्रिकेट मैदानों में वाह वाही मिलनी शुरू हो गई थी। लेकिन वे अपने वजन के कारण बहुत आलोचनाओं का शिकार हुए। कई बार फिटनेस की कमी के कारण उन्हें टीम से बाहर किया गया और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने भी एक बार उन्हें कैंप से बाहर कर दिया। लेकिन सरफराज ने हार नहीं मानी और अपने खेल पर मेहनत करते रहे
अभी हाल हि के मैच में सरफराज ने बेंगलुरु टेस्ट में अपना शतक जड़ा और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
सरफ़राज़ का संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ. अंडर-19 टीम में चुने जाने के बाद उन्होंने रणजी सीजन 2019-20 में शानदार प्रदर्शन किया और 150 से ज़्यादा की औसत से 900 रन बनाए. इसके बाद घरेलू क्रिकेट में उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा. 2021-22 के रणजी सीजन में उन्होंने 982 रन बनाए और इसके बाद उनका चयन भारतीय टेस्ट टीम में हुआ.
सफलता: जब गावस्कर ने भी कहा कि सरफराज को क्रिकेट में आना चाहिए
सरफ़राज़ खान की मेहनत रंग लाई और उन्होंने खुद को साबित किया. अब वे भारतीय टेस्ट क्रिकेट के चमकते सितारे हैं और उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है. उनके संघर्ष की कहानी हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है.